जाने क्यों 52 वर्षों तक (RSS) संघ मुख्यालय पर तिरंगा नहीं फहराया गया, वजह जानकर  चोक  जाओगे आप।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS आज के समय की सबसे बड़े संगठन में से एक है. लेकिन क्या आप लोग जानते हैं कि एक समय ऐसा भी था जब RSS ने 52 सालों तक भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा नहीं फहराया है? जी हां यह बात बिल्कुल सच है साल 1950 से 2002 तक आरएसएस ने तिरंगा नहीं फहराया है जो इस राष्ट्रीय ध्वज को ना फहराने का सच है वह आज हम आपको बताने वाले हैं?

RSS ने 52 सालों तक नहीं फहराया तिरंगा

दरअसल साल 1950 के बाद ही आरएसएस ने तिरंगा फहराने भी बंद कर दिया था क्योंकि आजादी के बाद संघ की शक्ति लगातार बढ़ती जा रही थी और ऐसे में संघ ने राष्ट्रीय पर्व जैसे 15 अगस्त और 26 जनवरी को जोर सोर से मनाना शुरू कर दिया जनता ने भी उनके इस अभियान में बढ़ चढ़ कर भाग लेना शुरू कर दिया लेकिन इसमें नेहरू को अपना सिंहासन डोलता हुआ दिखाई दिया और बड़ी चालाकी से भारत के संविधान के अध्याय जोड़ दिया गया नेशनल फ्लैग कोड.

नेशनल फ्लैग कोड संविधान की सभी अन्य धाराओं के साथ 1950 में ही लागू कर दी गई और इसी के साथ ही तिरंगा फहराने एक अपराध की श्रेणी में ला दिया गया इसी कानून से लागू होने के बाद राष्ट्रीय ध्वज केवल सरकारी भवन पर कुछ विशेष लोगों के द्वारा ही फहराया जा सकता था और यदि कोई भी व्यक्ति इसका उल्लंघन कर देता था तो उसे सश्रम कारावास की सजा का प्रावधान था.

इसी कानून के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखों में नहीं फहराया जा सकता था क्योंकि यह कोई सरकारी भवन तो नहीं था एक निजी स्थान था वहीं आरएसएस ने कानून का पालन किया और तिरंगा फहराने भी बंद कर दिया यह कानून नेहरू के डर के कारण बनाया गया था.

हालांकि इस कानून का कोई भी मतलब नहीं था क्योंकि आजादी की लड़ाई में प्रत्येक आम आदमी के हाथ में तिरंगा हुआ करता था और वह सड़कों पर लेकर निकलते थे किंतु अचानक इस समय आम आदमी और समस्त भारत की जनता से उनके देश के झंडे को फैलाने का अधिकार ही छीन लिया गया और जिस तिरंगे के लिए लाखों लोग बलिदान दे चुके वह तिरंगा फहराने का अधिकार अब केवल नेहरू गांधी परिवार की संपत्ति बन चुका था.

लेकिन अब आए नवीन जिंदल जो अमेरिका में पढ़ाई किया करते थे तब वह हर निजी प्रतिष्ठान हर दुकान पर हर माल पर अमेरिका का राष्ट्रीय झंडा फहराते हुए देखे थे तब उनके मन में ख्याल आया था कि अमेरिका की तरह हम भारतीयों को भी राष्ट्रीय ध्वज अपने ऑफिस या अपने घर या अपने प्रतिष्ठान में फहराने का अधिकार क्यों नहीं मिला?

नवीन जिंदल ने दिया तिरंगा फहराने में योगदान

नवीन जिंदल कांग्रेस पार्टी के सांसद थे उन्होंने अपनी फैक्ट्री जिंदल विजयनगर स्टील में तिरंगा फहराया और उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के बाद उनको हिरासत में भी ले लिया गया लेकिन इसके बाद उन्होंने काफी लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और साल 2002 में हाईकोर्ट ने यह आदेश बनाया था कि भारत का ध्वज प्रत्येक नागरिक फरा सकता है और अपने निजी भवन पर भी फैल सकता है लेकिन ऐसे में उच्च न्यायालय ने शर्त रखी कि वह राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान का ध्यान रखें और तिरंगे को फ्लैग कोड के अनुसार फहराया जाए इसके बाद आज तक निरंतर राष्ट्रीय स्वयंसेवक की संघ की हर शाख में तिरंगा फहराया जा रहा है.

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