जम्मू: 9 अक्टूबर (भाषा) जाट समुदाय की महिलाओं ने आज यहां अखिल भारतीय जाट महासभा (एआईजेएमएस) के बैनर तले आयोजित पहले महिला सम्मेलन के दौरान अभूतपूर्व ताकत और एकजुटता का परिचय दिया।
समारोह का आयोजन एआईजेएमएस जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष चौधरी मनमोहन सिंह के नेतृत्व में किया गया था और इसमें जम्मू प्रांत की 2000 से अधिक जाट महिलाओं ने भाग लिया था।
इस अवसर पर चौधरी युद्धवीर सिंह (महासचिव एआईजेएमएस), विशेष आमंत्रित थे, जय इंदर कौर (अध्यक्ष एआईजेएमएस महिला विंग पंजाब और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की बेटी) मुख्य अतिथि थीं, जबकि डॉ उर्मिला तोमर, निदेशक स्कूल शिक्षा (सेवानिवृत्त) मध्य प्रदेश सरकार और डॉ अलका बलराम क्षत्रिय (गुजरात के पूर्व सांसद) विशिष्ट अतिथि थे।
स्वागत भाषण देते हुए मनमोहन सिंह ने जाट महासभा की मांगों को दोहराया जिसमें ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण, 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्धों के बाद परिवारों को आवंटित कस्टोडियन भूमि पर स्वामित्व अधिकार, कठुआ, सांबा और जम्मू जिलों में भुगतान शामिल है। बचे हुए परिवारों को 5.5 लाख रुपये का अनुदान और एकमुश्त निपटान के लिए 25 लाख रुपये के भुगतान का वादा किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, युद्धवीर सिंह ने कहा कि एकजुट हम खड़े हैं और विभाजित हैं, हमें हर समय याद किया जाना चाहिए क्योंकि ओबीसी का दर्जा पाने की लड़ाई एक लंबी है और उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए समुदाय के लोगों के निरंतर समर्थन की आवश्यकता है।
जय इंदर कौर ने अपने संबोधन में कहा कि रवैये में बदलाव से जाट समुदाय को आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने में मदद मिलेगी और इस तरह उसका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होगा। उन्होंने जाट समुदाय की महिलाओं से अपील की कि वे आगे आएं और जाट महासभा को देश के अन्य हिस्सों के बराबर ओबीसी का दर्जा दिलाने में हर संभव सहयोग दें।
सम्मेलन के दौरान शीतल चौधरी (केएएस), रंजीत कौर (केएएस) और फ्लाइंग ऑफिसर प्रियंका चौधरी को जाटों की शान बताते हुए मुख्य अतिथि व अन्य अतिथियों ने सम्मानित किया.