नागौर: गैंगस्टर आनंदपाल एवं उसके साथियों का पीछा करते समय 21 मार्च 2016 को गोली लगने से शहीद हुए नागौर की खींवसर तहसील क्षेत्र के गुढ़ा भगवानदास गांव निवासी शहीद खुमाराम कस्वां की बहन संगीता की रविवार को शादी है। आमतौर पर शादी के कार्ड में रिश्तेदारों के ही नाम लिखवाए जाते हैं, लेकिन संगीता की शादी का निमंत्रण कार्ड खास है। शादी में संगीता को अपने शहीद भाई की कमी महसूस नहीं हो, इसके लिए पिता मोहनराम कस्वां ने शादी के निमंत्रण कार्ड में करीब एक दर्जन पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों के नाम भी लिखवाए हैं।
साथ ही इन अधिकारियों को निमंत्रण भेजा है। इसमें संगीता से राखी बंधवाने उसके घर गए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख का नाम भी शामिल है। देशमुख ने संगीता को यह विश्वास दिलाया था कि उसके भाई की मौत का बदला पुलिस जरूर लेगी। आइपीएस देशमुख के साथ नागौर निवासी व वर्तमान में रोडवेज के एमडी नथमल डिडेल, नागौर कलक्टर, नागौर एसपी राममूर्ति जोशी, पूर्व एसपी अभिजीतसिंह, हरेन्द्र महावर सहित अन्य कई अधिकारियों के नाम भी कार्ड में लिखवाए गए हैं। साथ ही कार्ड के ऊपर गणेश जी साथ शहीद खुमाराम की फोटो भी है।
जिले के युवा व खुमाराम के साथी मुहिम चलाकर धन जुटा रहे हैं, ताकि उसके पिता संगीता की शादी धूमधाम से हो सके। यूथ एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष महेन्द्र ग्वाला ने शहीद की बहन की शादी में आर्थिक सहयोग देने के लिए सोशल मीडिया पर युवाओं से आह्वान किया। इसके बाद कई युवाओं ने आर्थिक सहयोग किया है। ग्वाला ने इससे पहले पत्रिका के साथ मिलकर खुमाराम की याद में रक्तदान शिविर का आयोजन भी किया था।
18 अगस्त 2016 को रक्षाबंधन के मौके पर एसपी देशमुख व पुलिस जवानों ने भाई बनकर संगीता से राखी बंधवाई थी तथा 7 लाख 51 हजार रुपए का चेक खुमाराम की मां को सौंपा था। उस दौरान खुमाराम की मां भावुक हुईं, तो एसपी व पुलिस जवानों ने उन्हें हर संभव सुरक्षा एवं सहायता देने का वचन दिया था। इसके बाद देशमुख ने विभागीय स्तर पर प्रयास करके नागौर रेलवे स्टेशन के बाहर शहीद खुमाराम की मूर्ति भी स्थापित करवाई थी।
नागौर की खींवसर तहसील क्षेत्र के गुढ़ा भगवानदास गांव निवासी शहीद खुमाराम की बहन संगीता की शादी बीकानेर जिले के स्वरूपसर निवासी आसूराम से होगी। आसूराम भारतीय सेना में सैनिक है। संगीता स्नातक तक पढ़ी है। पुलिस विभाग ने संगीता को सरकारी नौकरी देने का प्रस्ताव बनाकर कार्मिक विभाग को भेजा था। हालांकि अभी नियुक्ति पत्र नहीं मिला है।