Jodhpur News: जोधपुर के लूणी थाना क्षेत्र के मेहलावास में एक बेटी पर सास के मर्डर का आरोप लगा तो समाज के लोग मां-बाप समेत परिवार को परेशान करने लगे। परिवार पर दबाव बनाया कि बेटी का तलाक करवाए। मां-बाप ने मना किया तो समाज से बाहर निकाल दिया। इतना ही नहीं गांव में बने मंदिर पर भी जाने से रोक लगा दी और नौकरी से निकाल दिया। पीड़ित परिवार को पिछले 14 महीने से टॉर्चर किया जा रहा है। मामला जोधपुर के लूणी थाना क्षेत्र के मेहलावास गांव का है।
पुरखाराम जाट (47) ने बताया कि उसकी बेटी रेखा की शादी 2019 में उत्तेसर गांव में हुई थी। 7 सितम्बर 2021 को सास का मर्डर हो गया था। इस मामले में उसकी बेटी को गिरफ्तार किया गया है अभी जेल में है। इसके बीस दिन बाद 27 सितम्बर 2021 को शिवनगरी के भाखर मंदिर में समाज के लोगों ने बैठक की। इसमें समाज के पंच नरेश, देवाराम, वीरमाराम, गोपाराम, अमराराम, गोपाराम, पेमाराम, उमराराम, गोपाराम, प्रेराराम, मांगीलाल, बुधाराम, बिंजाराम, नेनाराम, लक्ष्मणराम और राजूराम मौजूद थे। बैठक में इन पंचों ने पुरखाराम और परिवार पर दबाव कि वे अपनी बेटी का तलाक करवा दे।
परिवार के मना करने प पंचों ने पुरखाराम और उसके चाचा भंवरलाल को समाज से बाहर करने का फैसला सुना दिया। पुरखाराम ने बताया कि वह इससे पहले एक पेट्रोल पंप पर जॉब करता था। लेकिन, समाज से बाहर निकालने के बाद उसकी नौकरी तक छुड़वा दी। एक साल तक वह समाज के दबाव में रहा। उसे धमकाया कि यदि शिकायत की तो परिवार के दूसरे लोगों को भी बहिष्कृत कर दिया जाएगा। लेकिन, जब पंचों की मनमानी नहीं रूकी तो 7 अक्टूबर 2022 को बोरानाड़ा थाने में पंचों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। अब परिवार शुक्रवार 25 नवंबर को कमिश्नर के पास पहुंचा और शिकायत दी।
पीड़ित पुरखाराम ने बताया कि 14 महीने से समाज के पंच टॉर्चर कर रहे हैं। परिवार में 11 सदस्य है। सभी का जीना मुश्किल कर दिया है। समाज का कोई भी व्यक्ति मुझसे और भाई भंवरलाल से रिलेशन नहीं रखता है। गांव में समाज के किसी भी व्यक्ति की दुकान से सामान तक नहीं खरीद सकते हैं। दूसरे सामाजिक कार्यों में भी जाने पर पाबंदी लगा रखी है। मंदिर की तरफ देख भी नहीं सकते हैं। इतना ही नहीं परिवार के लोगों को मनरेगा से भी बाहर निकाल दिया गया।
पंचों का तुगलकी फरमान
पुरखाराम ने बताया कि समाज के पंच हर महीने बैठक बुलाते हैं। इन 14 महीने में कई बार समाज के लोगों और रिश्तेदारों से बातचीत करने की कोशिश की। लेकिन, जब पंचों को यह बात पता चली तो फरमान सुनाया कि यदि कोई भी बात करता है तो वह छुआछूत का आरोपी होगा और उन्हें भी समाज से बाहर कर दिया जाएगा। पुरखाराम ने बताया कि वे इतना टॉर्चर हो चुके हैं कि आत्महत्या करने को मजबूर है। बोरानाडा SHO किशनलाल ने बताया कि पुरखाराम ने बोरानाडा थाने में मामला दर्ज करवाया था। समाज से बाहर करने के मामले को लेकर जांच की जा रही है। गांव में मनरेगा का काम पिछले छह महीने से बंद है।