Friday, December 1, 2023
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जयपुर में बिजनेसमैन ने खुद को मारी गोली, परिवार बोला- पार्टनर 7 करोड़ खा गया था

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राजस्थान के जयपुर में डिपार्टमेंटल स्टोर चलाने वाले एक व्यापारी ने खुद की लाइसेंसी पिस्टल से कनपटी पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली। घटना शास्त्री नगर थाना इलाके के स्वर्णकार कॉलोनी की है।

जयपुर में बिजनेसमैन ने बुधवार को खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर लिया। गोली चलने की आवाज सुनकर परिवार के लोग कमरे में पहुंचे तो सामने कारोबारी लहूलुहान पड़े थे। परिवार वाले फौरन उन्हें कांवटिया हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

जयपुर शास्त्री नगर थाना के एएसआई लक्ष्मण सिंह ने बताया, मनमोहन सोनी (41) आरपीए के सामने स्वर्णकार कॉलोनी में रहते थे। इनका पानीपेच तिराहे के पास डिपार्टमेंटल स्टोर है। बुधवार दोपहर करीब 10.30 बजे मनमोहन ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से सीने में गोली मार ली। उस समय घर में मनमोहन, पत्नी नीतू सोनी (40), बेटा यश (20), मां और छोटे भाई रोहित सोनी की पत्नी मौजूद थी। बेटा यश हादसे के वक्त शॉप पर जाने की तैयारी कर रहा था। अचानक फायर की आवाज सुनकर कमरे में गए तो सबके होश उड़ गए। उसके बाद तुरंत ही छोटे भाई रोहित को बुलाया। मनमोहन को गाड़ी से हॉस्पिटल लेकर गए। लेकिन तब उनकी मौत हो गई।

करोड़ों रुपये डूब गए थे
मनमोहन सोनी के चचेरे भाई समर सोनी ने बताया, मनमोहन का 20 साल पुराना बिजनेस पार्टनर सत्यार्थ तिवाड़ी है। सत्यार्थ तिवाड़ी के पिता रमेश चंद तिवाड़ी राजस्थान पुलिस में डिप्टी थे। सत्यार्थ फाइनेंस का काम करता था। मनमोहन सोनी का पैसा फाइनेंस पर लगा दिया। फिर कोरोना के समय पर सत्यार्थ ने हाथ खड़े कर दिए। घर बुलाकर मनमोहन सोनी को डराया-धमकाया करते थे। बोलते थे, तेरा पैसा गया, तू कुछ नहीं कर सकता है। सात करोड़ रुपये मानमोहन सोनी ने सत्यार्थ को दिए थे। परिजनों ने पुलिस को बताया, पार्टनर के धोखा देने के कारण वो परेशान चल रहे थे। उन्हें काफी समझाया गया था। सभी का कहना था कि कुछ दिनों में परेशानी ठीक हो जाएगी। पुलिस ने मनमोहन का मोबाइल जब्त कर लिया है। पुलिस जांच में जुट गई है।

पहले भी कर चुके हैं आत्महत्या का प्रयास
मनमोहन सोनी ने दो साल पहले भी आत्महत्या का प्रयास किया था। उस दौरान सोनी ने बहुत सारी गोलियां एक साथ खा ली थीं। तब भी शास्त्री नगर थाना पुलिस ने एफआईआर करने से मना कर दिया था। जैसे-तैसे एफआईआर दर्ज कराई गई थी। बाद में सत्यार्थ तिवाड़ी ने एफआर लगवा दी थी। पीड़ित परिवार ने बाद में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद पुलिस बोली थी कि यह सिविल का केस है। ज्यादा कुछ नहीं हो सकेगा। तारीख पर तारीख मिलने के कारण मनमोहन सोनी काफी टूट चुके थे।

सत्यार्थ तिवाड़ी के पिता रमेशचंद तिवाड़ी बेटे का केस लड़ रहे थे। कोर्ट में तारीख पर तारीख ले रहे थे। अब तक वह 8 से अधिक तारीख ले चुके हैं। इससे परेशान होकर सोनी ने बुधवार को सुसाइड कर लिया। घर में मनमोहन और उसके छोटे भाई रोहित का परिवार रहता है। मनमोहन के 20 साल का बेटा यश व 16 साल की बेटी इशिता है। घटना के वक्त इशिता और छोटे भाई के दो बेटे स्कूल गए हुए थे। भाई किसी काम से बाहर था, जिसे परिवार ने फोन कर घर बुलाया।

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