राजस्थान के बारां जिले के अंता थाने के चहेड़िया गांव में एक हिस्ट्रीशीटर अख्तर मिर्जा बेग की हत्या कर दी गई। गोली मारकर अख्तर मिर्जा बेग को खनन माफियाओं ने मौत के घाट उतार दिया। घटना के बाद से चहेड़िया गांव के लोगों में गुस्सा व्याप्त है। परिजनों ने पुलिस पर आरोप भी लगाए हैं।
बता दें कि घटना बारां जिले के अंता थाने के चहेड़िया गांव के पास शनिवार रात की है। बेटे के साथ खेत में जा रहे अख्तर बेग को खनन माफियाओं ने गोली मार दी। गोली लगने से लहूलुहान बेग को बारां जिला अस्पताल ले जाया गया। यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। गोलीकांड की जानकारी अंता थाना पुलिस को लगी, पुलिस ने अस्पताल में हंगामा मचा रहे बेग को परिवार को किसी तरह समझाया और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।
बेग की हत्या के आरोप में परिवार वालों ने 11 नामजद आरोपियों सहित 20 अज्ञात पर मारपीट कर हत्या करने का मामला दर्ज कराया है। नामजद आरोपियों में शामिल लोगों ने पहले भी अख्तर और उसके परिवार पर जानलेवा हमला किया था। इसके बाद अख्तर परिवार के साथ गांव से दूर कोटा जिले के सांगोद के पास रहने लगा था।
क्या था पूरा विवाद
पुलिस जांच में सामने आया कि पुलिस ने विभिन्न टीमें गठित करके हमलावर बदमाशों की तलाश शुरू कर दी है। मोहम्मद अख्तर अंता थाने का हिस्ट्रीशीटर था। साल 2018 में अख्तर और गांव के दूसरे पक्ष के बीच अवैध खनन और जमीन विवाद को लेकर झगड़ा हुआ था। गांववालों ने अख्तर को गांव से बेदखल कर दिया था। बीच में समझौता भी हुआ और 5 साल बाद मोहम्मद अख्तर अपने खेत को जोतने लगा। इसी साल जमीन में मोहम्मद अख्तर ने खेती शुरू की थी। शनिवार की रात को वह खाना लेकर सांगोद कस्बे से चहेड़िया गांव जा रहा था। तभी उस पर घात लगाए बैठे बदमाशों ने हमला कर उसे मौत के घाट उतारा।
बताया जा रहा कि घटना के समय मृतक का बेटा साथ था। इस वारदात की सूचना जैसे ही हिस्ट्रीशीटर मोहम्मद अख्तर के परिजनों को लगी तो बड़ी संख्या में चहेड़िया गांव में भीड़ का जमावड़ा लग गया। पुलिस मौके पर पहुंची। शव को मिर्जापुर उप स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां पर भी लोगों की भीड़ जमा रही। रात को भीड़ को देखकर बारां जिला मुख्यालय से भारी संख्या में पुलिस टीम मिर्जापुर गांव में तैनात किया गया था।